झाँसी के सभी सरकारी स्कूलों में पहली बार हुआ मेगा पीटीएम और संगोष्ठी का आयोजन

झाँसी के सभी सरकारी स्कूलों में पहली बार हुआ मेगा पीटीएम और संगोष्ठी का आयोजन

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झाँसी - सोमवार, 10 मार्च 2025

निपुण भारत मिशन के तहत झाँसी जनपद के सभी सरकारी स्कूलों में पहली बार मेगा अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM) का आयोजन किया गया। इस पीटीएम में अभिभावकों, शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों (HMs), अकादमिक रिसोर्स पर्सन्स (ARPs), स्कूल प्रबंधन समितियों (SMC), बेसिक शिक्षा विभाग के समस्त अधिकारी और स्थानीय नेताओं ने सहभागिता की। इस पहल का उद्देश्य स्कूलों में संवाद को बेहतर बनाना और अभिभावकों की भागीदारी को मजबूत करना था।

झाँसी के मुख्य विकास अधिकारी, जुनैद अहमद, पीएम श्री डी.सी. तालपुरा में आयोजित अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM) में शामिल हुए। विद्यालय का निरीक्षण करते हुए उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार स्कूली शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। सरकारी विद्यालयों को निजी स्कूलों के समकक्ष बनाने के प्रयास सफल रहे हैं, और अब सरकार का पूरा ध्यान बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मज़बूत करने और उन्हें निपुण बनाने पर केंद्रित है।"

उन्होंने अभिभावकों से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों की शिक्षा यात्रा में सक्रिय भागीदारी निभाएं और ऐसे आयोजनों के माध्यम से शिक्षकों से संवाद स्थापित कर अपने बच्चों की शैक्षणिक प्रगति को समझें। "जब पूरा समुदाय एकजुट होगा, तभी हर बच्चा निपुण बन सकेगा," उन्होंने कहा। साथ ही, उन्होंने अभिभावकों की भागीदारी को बच्चों के विकास का एक महत्वपूर्ण पहलू बताते हुए आगामी PTM में अधिक से अधिक अभिभावकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

मॉडल पीटीएम के तहत छात्रों और अभिभावकों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। पूरे शैक्षणिक वर्ष में 100% उपस्थिति दर्ज कराने वाले या सर्वाधिक उपस्थिति वाले ग्रेड 3 छात्रों को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। साथ ही, सभी NIPUN छात्रों को विशेष प्रमाणपत्र देकर उनकी उपलब्धि को सराहा गया।

अभिभावकों की भूमिका को भी मान्यता दी गई—उन्हें विशेष प्रमाणपत्र प्रदान किए गए, विशेष रूप से उन अभिभावकों को जिनके बच्चे उपस्थिति पुरस्कार के पात्र बने। इसके अलावा, ऐसे अभिभावकों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने DBT फंड्स (यूनिफॉर्म, स्कूल बैग, जूते आदि) का सही और प्रभावी उपयोग किया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उनका बच्चा आवश्यक शैक्षणिक संसाधनों से वंचित न रहे।

बेसिक शिक्षा अधिकारी विपुल शिव सागर ने पूर्व प्राथमिक विद्यालय, बंगुवान का दौरा करते हुए कहा, "विद्यालयों में सकारात्मक संवाद तभी संभव होगा जब शिक्षक और अभिभावक मिलकर बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने में भूमिका निभाएं। शिक्षा को सशक्त बनाना केवल अध्यापकों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि अभिभावकों की भी उतनी ही भागीदारी आवश्यक है। जब अभिभावक अपने बच्चों को प्रोत्साहित करेंगे, तो वे शिक्षा में रुचि लेंगे और आगे चलकर सफलता हासिल करेंगे।"

उन्होंने विभाग की ओर से इस प्रक्रिया को भविष्य में भी नियमित रूप से आयोजित करने पर जोर दिया, ताकि विद्यालय और समुदाय के बीच मजबूत जुड़ाव बना रहे और शिक्षा की गुणवत्ता निरंतर सुधरती रहे।

बैठक के दौरान, शिक्षकों ने अभिभावकों को उनके बच्चों के रिपोर्ट कार्ड प्रदान किए और उनकी शैक्षणिक प्रगति पर चर्चा की। रिपोर्ट कार्ड में छात्रों की विषयवार प्रगति, कौशल विकास और सुधार के संभावित क्षेत्रों की जानकारी दी गई। इस संवाद के माध्यम से अभिभावकों को यह समझने में सहायता मिली कि वे घर पर अपने बच्चों की शिक्षा में कैसे सहयोग कर सकते हैं।

प्रधानाध्यापकों (HMs) ने स्कूलों में चल रही शैक्षिक गतिविधियों और सुधार योजनाओं पर जानकारी दी। कई स्कूलों में छात्रों ने अपनी सीखने की उपलब्धियां साँझा कीं, जिससे अभिभावकों को उनकी शैक्षिक स्थिति को समझने का अवसर मिला।

स्थानीय नेताओं और पंचायत प्रतिनिधियों की भी कुछ स्कूलों में उपस्थिति रही, जिन्होंने समुदाय को शिक्षा से जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया और अभिभावकों को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया।
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