तीन दिवसीय झांसी कला एवं साहित्य जल उत्सव का समापन

तीन दिवसीय झांसी कला एवं साहित्य जल उत्सव का समापन

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झाँसी - जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग, नगर निगम, झांसी स्मार्ट सिटी एवं विकास प्राधिकरण के संयुक्त प्रयासों से आयोजित झांसी कला एवं साहित्य जल उत्सव के तृतीय दिवस पर राजा गंगाधर राव कलामंच पर प्रातः 10:00 बजे से पूर्वा नरेश के साथ थियेटर में महिलाओं के शीर्षक कर परिचर्चा की गयी, जिसमें बताया कि पूर्व में थियेटर फिल्मोग्राफी निर्देशन में महिलाओं की भादीदारी न के बराबर हुआ करती थी, वर्तमान में महिलाओं द्वारा निर्देशन, कला, साहित्य, थियेटर एवं फिल्मों में काफी संख्या में प्रतिभाग करते हुये सराहनीय कार्य किया जा रहा है। दिव्य प्रकाश दुबे द्वारा तेरी मेरी कहानी के शीर्षक पर परिचर्चा की गयी, ज्ञान चतुर्वेदी एवं अंजुम द्वारा बुन्देलखण्ड की धरती का साहित्य पर भी परिचर्चा की गयी, जिसमें बताया कि बुन्देलखण्ड की धरती में कई प्रसिद्ध साहित्यकार हुये एवं बुन्देलखण्ड के साहित्य ने कई कीर्तिमान स्थापित किये। अपरान्ह 2:00 बजे यशस्वी मिश्रा एवं दिव्य प्रकाश दुबे द्वारा बुक-टू-स्क्रीन रूपांतरण पर परिचर्चा की गयी। इसी श्रृंखला में रविन्द्र कुमार एवं विवेक शुक्ला द्वारा दिल से दिल्ली शीर्षक पर परिचर्चा की गयी। सांयः 4:30 बजे बुन्देलखण्डी लोकगीत की प्रस्तुती की गयी, जिसका दर्शकों द्वारा भरपूर आनन्द लिया गया एवं कलाकारों का उत्साहवर्धन किया गया। पं० दीनदयाल सभागार में सांय 7:00 बजे पदमश्री दादी पुदुमजी द्वारा एक समकालीन कठपुतली शो "रूमियाना" की मनमोहक प्रस्तुती की गयी, जिसकी दर्शकों द्वारा काफी सराहना की गयी।
       अन्त में तीन दिवसीय झांसी कला एवं साहित्य जल उत्सव का समापन एवं झांसी की जनता का महोत्सव में पधारने, सुनने के लिये आभार व्यक्त किया गया।
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